". प्रतापगढ़ Gk ~ Rajasthan Preparation

प्रतापगढ़ Gk


प्रतापगढ़ 

🔷️शुभंकर- उडन गिलहरी

🔷️स्थापना - महारावल प्रतापसिंह (1699)

🔷️उपनाम - राजस्थान की राधा नगरी, कांठल की राजधानी, मालव देश

🔷️ प्राचीन काल में यहां पर मेवाड़ के सिसोदिया वंश का शासन था, राजकुमार सूरजमल के काल में इसे प्रतापगढ़ नाम मिला, आजादी के समय यहां के शासक रामसिंह थे।

प्रतापगढ़ प्रजामंडल - 1945

प्रतापगढ़ प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  • अमृतलाल पाठक 
  • चुन्नीलाल
🔷️ 25 मार्च 1948 को इसे राजस्थान संघ में मिला दिया गया।
🔷️प्रतापगढ़ राजस्थान का नवीनतम (33वाँ) जिला है जिसे 28 फरवरी 2008 को बनाया गया।

प्रतापगढ़ जिले का निर्माण 3 जिलो की 5 तहसीलों को मिलाकर किया गया।
1) चित्तौड़गढ़- अरनोद, प्रतापगढ़, छोटी सादडी
2) उदयपुर- धरियावाद
3) बांसवाडा- पीपलखूंट 

🔷️जाखम नदी - एक नदी का उद्गम छोटी सादडी मे स्थित भंवर माता की पहाड़ियों से होता है, एक नदी पर प्रतापगढ़ में जाखम बांध बना हुआ है जोकि राजस्थान का सबसे ऊंचा 81 मी. बांध है, जाखम परियोजना पूर्ण रूप से राजस्थान सरकार की परियोजना है।

🔷️सीतामाता अभ्यारण्य - यह अभयारण्य उड़न गिलहरीयो हेतु प्रसिद्ध है यहां पर राजस्थान में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है, राजस्थान में सर्वाधिक औषधियां भी इसी अभयारण्य में पाई जाती है।

🔷️देवगढ़ पवन ऊर्जा परियोजना - यह राजस्थान की दूसरी पवन ऊर्जा परियोजना है।

थेवा कला

  • हरे रंग के काँच पर सोने का सूक्ष्म व कलात्मक चित्रांकन कार्य थेवा कला कहलाता है।
  • थेवा कला के जनक - नाथूजी सोनी, इन्हे प्रतापगढ़ के शासक सामंत सिंह ने राजसोनी परिवार की उपाधि दी।
  • थेवा कला प्रतापगढ़ की प्रसिद्ध है। 
  • इस कला को प्रकाश में लाने का सही श्रेय जस्टिन वकी को जाता है।
  • प्रतापगढ़ के राज सोनी परिवार इस कला के लिए सिद्धहस्त कलाकार है। 
  • महेश विजयराज सोनी को थेवा कला के लिए 2015 मे पद्मश्री पुरुष्कार से सम्मानित किया गया।
  • थेवा कला को बढावा देने के लिए लिए नवम्बर 2002 मे इस पर 5 रूपये का डाक टिकट जारी किया गया।
  • आलाथेवा - हरे रंग के कांच को छोड़कर अन्य रंगो के कांच पर किया जाने वाला सोने का कार्य आलाथेवा कहलाता है।
  • प्रतापगढ़ को थेवा कला का GI tag प्राप्त है।
🔷️काकाजी की दरगाह - इसे कांठल का ताजमहल कहा जाता है।

🔷️गौतमेशवर महादेव मंदिर - अरणोद, प्रतापगढ़ 
इसे कांठल का हरिद्वार कहा जाता है।

🔷️सेठ छगन लाल की हवेली प्रतापगढ़ में स्थित है।

🔷️सालिमशाही व आलमशाही सिक्के प्रतापगढ़ के है।

🔷️केसरपुरा हीरे की खान प्रतापगढ़ मे स्थित है।


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